Indian Air Force DAY 2024
देश में हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है।भारत देश की सुरक्षा में भारतीय वायुसेना का एक महत्तवपूर्ण योगदान है।भारतीय वायु सेना दिवस भारत देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान और योगदान देने वाले वायुसेना के वीर सपूतों की याद और उनके सम्मान में मनाया जाता है। भारतीय वायु सेना अमेरिका, चीन, रूस के बाद विश्व की चौथे नंबर की वायु सेना है।भारतीय वायुसेना युद्ध के अलावा विभिन्न आपदाओं में राहत एवम बचाव कार्यों में मदद करती है ।
भारतीय वायुसेना का इतिहास
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8, अक्टूबर 1932 में हुई थी।इस दिन की यादगारी हर साल 8 अक्टूबर के दिन भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस साल ये 92वा भारतीय वायु सेना दिवस है।आज़ादी के पहले भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फ़ोर्स के नाम से जाना जाता था बाद में आज़ादी के बाद इसे भारतीय वायु सेना कर दिया गया।
92वां भारतीय वायु सेना दिवस
भारतीय वायु सेना का मुख्यालय दिल्ली में है।इसबार भारती वायु सेना अपनी 92 वी वर्षगाँठ चेन्नई स्थिति तांबरम बेस में मना रही है।आज के दिन भव्य परेड और एयर शो के जरीये अपनी ताकत का प्रदर्शन करते है ।भारतीय वायु सेना की स्थापना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान की थी।भारत देश की सुरक्षा में भारतीय वायुसेना का एक महत्तवपूर्ण योगदान है।
भारतीय वायुसेना 2024 थीम
भारतीय वायु सेना दिवस 2024 की थीम यह है: भारतीय वायु सेना सक्षम, शशक्त, और आत्मनिर्भर रखी गई है।इस दिन को बड़े जोश और उत्साह से मनाया जाता है और देश की सुरक्षा में वायुसेना का जो योगदान है उसकी सराहना की जाती है।
भारतीय वायु सेना का युद्ध में योगदान
भारतीय वायु सेना ने कुल पांच युद्ध किए हैं। उनमें से चार पाकिस्तान के खिलाफ और एक चीन के खिलाफ थे।भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1948, 1965, 1971 और 1999 में हुए युद्ध में भारतीय वायु सेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उसके अलावा 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में वायु सेना ने अहम पराक्रम दिखाया ।उसके अलावा ऑपरेशन विजय ऑपरेशन मेघदूत ऑपरेशन कैक्टस, बालाकोट एयर स्ट्राइक सभी ऑपरेशन में भारतीय सेना का महतवपूर्ण योगदान रहा है।
1965 और 1971 में हुए कारगिल युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने अपना शानदार प्रदर्शन दिखाके वायुसेना ने अपनी ताकत और साहस का परिचय दिया था।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- 'नभ: स्पृशं दीप्तम'। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
- ऊंचे इरादे, ऊंची उड़ान,भारतीय वायु सेना सबसे महान
- वायु सेना दिवस की शुभकामनाएं
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